दो धारी तलवार
आजकल अपार्टमेंट में ही सेवा करने का मौका मिल रहा है, तो बहुत सारे नए पुराने लोगों से मिलने का मौका मिलता है ।
दुआ सलाम और खैरियत पूछने के बाद, लोग अक्सर एक सवाल कर देते हैं?
जिनसे नीता परेशान है, आर यू वर्किंग?
थोड़ा सा समय लेते हुए उसका जवाब होता है ,”नो आई हेड!
नाउ , ,आए हैव टू कैरी हाउसहोल्ड वर्क , एंड टेक केयर ऑफ़ माय मदर इन लॉ!
ऐसे सवालों के हर रोज पूछे जाने के कारण वह “अवसाद का भी शिकार हो रही हैं”
और दूसरी तरफ एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में काम करने वाली हेमा नाइट शिफ्ट करके अपने बच्चे को जैसे-तैसे पालने की स्थिति में मजबूर हैं,
इस तरीके इस तरीके से उनका घर पर केवल शाम के ६:०० बजे तक रहना होता है।
बच्चे का पालन पोषण तो हो रहा है। परंतु बच्चा केवल मोबाइल , टेबलेट के साथ ही बड़ा हो रहा है, इस स्थिति से वह भी परेशान है।
घर से निकलते वक्त हेमा के शब्द थे , ऐसी स्थिति रही तो दोनों ही आईटी में काम करते रहे और बच्चा बाहर घूमता नजर आए आखिर इसके परवरिश की जिम्मेदारी भी तो हमारी ही है।
एक तीसरी तीसरी श्रेणी भी है ,
जिसमें सुमन नाम की स्त्री घर पर ही रह कर हिंदी के ट्यूशन देती है,
बात करने पर पता चला कि उनमें भी संतोष की भावना भरपूर है, कहती हैं “इससे घर भी संभल जाता है और देखने की अवसाद की भावना भी नहीं रहती है”,
जरूरत है ऐसे सेल्फ एंप्लॉयमेंट (स्वरोजगार) को बढ़ावा देने कीवास्तविकता यही है। जो नारी अपना १००% घर को समर्पित कर रही है ,उसे कम ना समझे सम्मान दें।
आपकी नजरों में एक कार्यरत स्त्री को है ।क्योंकि वह अपने बच्चों में अच्छे मूल्य परवरिश और आत्मविश्वास के रूप में सुदृढ़ कर रही है।
उसका सहयोग वैसे ही सराहनीय है ,जैसे की इमारत बनाने में ईटा रखने वाले कारीगर का होता है ।वहीं भारत का भविष्य सुधार रही है।
साथ ही जो घर और बाहर दोनों में काम करने वाली औरतें हैं ,उनको भी एक सुदृढ़ सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता है ताकि केवल बच्चे और पति का ख्याल रखते हुए वे अपने आप को भूल ना जाए।
इसीलिए तो इसे दो धारी तलवार कहा गया है, औरतें इस में माहिर होती जा रही हैं.।
1 reply on “Double Striped Sword”
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