नेपाल की यात्रा
हिमालय की गोद में बसा हुआ नेपाल अद्भुत देश, यहां के लोगों का मिलनसार व्यवहार और ताज़ागी भरा वातावरण हमेशा याद रहेगा।
मेरी पहली विदेश यात्राओं मे नेपाल की यात्रा भी है। उत्तर प्रदेश के एक शहर गोरखपुर के पास रेलवे स्टेशन (नकहा जंगल) से हमारे परिवार के सदस्यों हमने यात्रा प्रारंभ की।
लगभग 12 बड़े लोग (वयस्क), 4 युवा(दीदी – भैया) और 6 बच्चे। ये तकरीबन 20 साल पहले की यात्रा की संस्मरणों पे आधारित है। हम लोग टिकिट लेकर रेल गाड़ी मे जा बैठे और हिमालय पर्वत देखेंगे, बूतवल से खिलौने खरीदने और बुद्ध की जन्म भूमि को देखने की तैयारी पूरी थी।
कुछ देर ट्रेन रुकती – चलती हम लोग एक घंटे के बाद सुनऔली पहुचे। यहा आकार आगे नेपाल की सीमाओं में प्रवेश करने के लिए तैयार हो गए हम सब।
पहले पड़ाव राजधानी काठमाण्डू मे किया –
आकर्षण का केंद्र
मनोरंजक दृश्य, लुभाने बाज़ार और रात को चमकीले casino ऐसा लगता था, मानो ये शहर कभी सोता ही नहीं
पशुपति नाथ मंदिर :
भगवान् शिव को समर्पित ये मंदिर, 5 वी शताब्दी में मल्ल राजाओ द्वारा निर्मित है।
भागमति नदी के किनारे बसा हुआ ये मंदिर – पगोडा आर्किटेक्ट का उदाहरण है।
यहा पर आना सांस्कृतिक, सामाजिक और अध्यात्मिक शांति के लिए खास तौर पर महत्व रखता है।
बूढाणी लंकथा (Budhanilanktha) मंदिर :
ये विष्णु भगवान् को समर्पित मंदिर हैं, यहा बारीक काट और बनावट का इस्तेमाल किया गया है।
कहा जाता है कि, लेटे हुए भगवान विष्णु की ये सबसे बड़ी मूर्ति है। इसके बारे में जानकारी दी गई है कि ये ली छवि काल में बना हुआ है।
यहा हरीशयनई एकादशी और हरीबोधिनी एकादशी के दिन मेला लगता है।
.्सवंभूनाथ (Swayambhunath) मंदिर
यहा से पूरे शहर का मन मोहक प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलता है।
ये बुद्ध समुदाय के लोगों का धार्मिक चैत्य है। यहा साक्यमुखी बुद्ध की प्रतिमा है।
ये एक पर्वत की चोटी पर स्थित है, यहा नेपाल की धार्मिक भावनाओं का संगम देखने को मिलता है।
नेपाल में लुम्बिनी (बुद्ध की जन्म भूमि) का खास महत्व है।
यहा महादेयई मंदिर सबसे ज्यादा मे लोकप्रिय है :
कहा जाता है कि महादेवी जो कि, शाक्य कुल की रानी थी। लुम्बिनी से गुजर रही थी और पुष्करणी मे उन्होने स्नान किया पूर्णिमा के दिन ।
इसके बाद उन्होने सिद्धार्थ (जो आगे चलकर बुद्ध के नाम से जाने जाते हैं)
इसके अलावा आप चिटवन पार्क जहा ट्रेकिंग की सुविधा उपलब्ध है। घारियल और हाथी के विशेष ब्रीडिंग सेंटर है।
आप सगरमाथा पार्क जा सकते हैं, जो विस्मित करने वाले घाटी, ग्लेशियर और पत्थरों से निर्मित है।
संसार की सबसे बड़ी चोटी एवरेस्ट पर्वत श्रृंखला यही है।
यहा आप जीव जंतु और पोधो की विशेष प्रजातियों का अध्ययन किया गया है।
ये यात्रा खास इसलिए रही क्युकी, इसमे परिवार बॉन्डिंग मजबूत हुई।