एम्स्टर्डम – नीदरलैंड का व्यापक परिपेक्ष
एम्स्टर्डम एक बहुत पुराना और एक प्राचीन शहर है जो आज भी पूरी तरीके से बरकरार हैं। जीतनी देर में हम बस से लखनऊ से गोरखपुर पहुंचते उतनी देर में हम पैरिस से बेल्जियम की सीमा पार करते हुए एम्स्टर्डम पहुंच गए, महिमा है “सीज़न वीजा” की जो यूरोप के अधिकतर देशों में लागू होता है।
पेरिस के बस स्टैंड पर, एक तरफ सम और विषम संख्या के अनुसार बस लगती है ।यहां पर एक कुत्ता अपने दो मालिकों जो कि स्लीपिंग बेड में सो रहे थे , के बीच में आराम से सोया हुआ था, सोने का आनंद है ही ऐसा।थोड़ी देर में हम सही बस के स्थान पर पहुंच गए वहां” एक ही आदमी ड्राइवर ,कंडक्टर और हेल्पर” खुद ही था।
डबल डेकर बस की आगे वाली सीट पर बैठकर शीशे के सामने ठंडी हवा का आनंद ऐसा लगता था जैसे कि ऊपर लगे जैसे कि सारी दुनिया को हम दूसरे नजरिए से देख रहे हैं , कुर्सी के बगल में एक पॉलिथीन रखा हुआ था जिसमें अपना अपशिष्ट सामान रख सकते हैं था ,
कुछ पीछे वाली सीटों पर बीच में टेबल भी लगी हुई थी जिससे आप अपना लैपटॉप या पढ़ाई जो काम कर सकते है। उपलब्ध टॉयलेट की व्यवस्था बस को खास बनाती है।
हमारा रास्ता बेल्जियम से होते हुए गया जो कि प्रसिद्ध है चिप्स चॉकलेट और बियर के लिए।मेरे पति बस कंडक्टर के पास बैठकर शहर की जानकारी इकट्ठा करते रहे और मैं गूगल बाबा से तो पता चला कि एम्स्टर्डम ही ऐसा शहर है, जहां कि 300 साल पुरानी बिल्डिंग एक साथ एक जगह पर
है
यह मेट्रोपोलिस एम्स्टर्डम का अनोखा विषय है, यहां कैनाल हाउसेस को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट मिला हुआ है 2010 से और इसने विश्व भर के बहुत सारे आर्किटेक्ट्स को प्रेरित किया है ,कैनाल हाउसेस बनाने के लिए।
शहर में कई गांव को मिलाकर बनाया गया हुआ है। हमारी होटल का नाम भी गोल्डन विलेज होटल नाम का 4 सितारा होटल की व्यवस्था थी।
कमरे में सामान रखकर तुरंत ही निकल पड़े फूलों के शहर घूमने के लिए होटल से बस जाती थी। सिटी सेंटर डेम-स्क्वायर के लिए ,ऊपर नीचे होती हुई सुंदर सी लहराती हुई सड़कें।
आपको ताज्जुब होगा कि शहर में ट्रेम (धीमी गति से चलने वाली मेट्रो), बस ,कार ,साइकिल(सबसे ज्यादा पसंद का इस्तेमाल किए जाने वाला साधन) और पैदल यात्री सभी एक साथ धीमी गति से चलते रहते हैं।
पहले जाकर हमने आई लव एम्स्टर्डम की लाल और सफेद अक्षरों पर लिखा हुआ प्रसिद्ध स्थल चिह्न देखा, यहां पर बच्चों का रेला और आसपास ऊपर नीचे खेल रहे थे, पास में ही आएस- स्केटिंग करते हुए लोग अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे थे।
ठंडा तो यहां पेरिस से भी ज्यादा था और जूतों के बावजूद भी पैरों में ठंडक महसूस हो रही थी ,समय बचाने के विचार से पति ने एक रिक्शा तय किया जिसमें पारदर्शी प्लास्टिक ऊपर से कवर थी
उसने हमें बिठाया और हमें एक कंबल दी शहर को घुमाना शुरू कर दिया यकीन मानिए पैरों को आराम मिल गया और अब चीजें बताने और समझाने के लिए पोलीस नागरिक (जो कि अच्छे अवसर की तलाश में यहां आया हुआ था )उसने अपना ज्ञान देना शुरू किया। सबसे पहले हमें वहां के संग्रहालय के बारे में अवगत कराया वहां पर कलाकारों के अलावा डायमंड हीरे का भी संग्रहालय था।
सबसे पहले हमें वेन गोह संग्रहालय जहां कलाकार की कृति को जीवन भर के काम को सराहना मिली हुई है और पास ही है सूरजमुखी के और अन्य फूलों के बाग।
फिर रिक्शा, पैदल यात्रियों और अन्य भीड़ भरी सड़कों को पार करता हुआ यहां द मागरे बर्क आ पहुंचा जो कि पुल है ,जो कि एमस्टल नदी पर बना हुआ है। यहां पर आज भी प्राचीन समय वाले घर उपस्थित हैं ,
जिनके बाहर पुली लगी हुई है और यह आपस में थोड़े से टेढ़े हैं क्योंकि यह आज भी भारी सामान को बाहर से रस्सी के माध्यम से ऊपर खींचते हैं।
फिर आगे बढ़ते हुए शहर की सबसे मशहूर गलियां जहां पर रोलेक्स और अन्य लग्जरी ब्रांड का शोरूम था।
उनको पार करते हुए हम डेम स्क्वायर पहुंचे यहां का एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना स्थल है यहां विश्वयुद्ध से जुड़ी कुछ बातों में स्थापित है।
रास्ते में द वाग यह शहर का यह 15वीं शताब्दी का एक यह पांचवीं शताब्दी का एक न्यू मार्केट था और यह शुरुआत में शहर का दरवाजा हुआ करता था।
फिर हमने डचों की स्वर्णिम युग की पेंटिंग का एक 3D नाइट वॉच के रूप में देखा । यह भी एक तरीका है अपने कलाकारों को सम्मान देने का।
एम्स्टर्डम मशहूर है बदनाम है, चीजों के लिए खासकर मारिजुआना का यहां कॉफी शॉप पर मिलना । इनके व्यापक परिपेक्ष को भी दर्शाता है जिसमें सभी के लिए जगह है और एक सहिष्णुता मिलती है लोगों में।
आपको पता है कि हालेनड केसीनों में जरूरी नहीं कि अधिक पैसे ही खर्च किए जाएं आप कम कुछ यूरो की राशि से शुरुआत कर सकते हैं और जीते हुए पैसों को फिर से दांव में लगा सकते हैं इसे भी यहां पर मान्यता प्राप्त है।
हमारा लोकल गाइड उसने हमे परिचय कराया कि यहां पर तीन अलग-अलग प्रकार के देह व्यापार के ठिकाने हैं। उनमें से एक है अफ्रीकन दूसरा है ,फिलीपींस एशियन और तीसरा है यहां का लोकल जब हम गलियों से गुजर रहे थे तो हमें शीशों पर खड़ी हुई लड़कियां देखी और हमें पता चला कि इन्हें उसका शीशे पर खड़े रहने का किराया 140 यूरो देना होता है जिस कारण इन्हें कम से कम चार ग्रहाक तो चाहिए ही होते हैं ,
जिस दिन का खर्चा निकल सके यहां पर एक अनोखा स्वतंत्र परतंत्र रिश्ता था जो स्त्रियां निभाती थी स्वतंत्रता इसलिए क्योंकि यह एक आत्मनिर्भरता है, यह एक स्वावलंबन है, यह एक व्यापार् है
परतंत्रता इसलिए क्योंकि पता नहीं कौन सी लड़की किस कारणवश, किस परिस्थिति का, शिकार होकर यहां पर आने को मजबूर हो, जिसे लोग शीशे के बाहर से तिरस्कार्
दृष्टि से ,कुछ केवल मनोरंजन के लिए देखते हैं। स्तिप् की सड़कों पर गह्रराती हुई रात के साथ शीशों की चकाचौंध बढने लगती है ,
इन सड़कों के सामने हॉलीवुड भी फीका हो जाता है/ थोड़ी दूर चलने पर एक कोने में भी ऐसी भीड़
लगी हुई थी ,पास जाकर देखा तो लड़की में तो शीशे में लड़कियां बिकनी पहनकर अपने ग्राहक को बुला रही थी ,
मेरे पति की मन में अजीब ही विपस्सना उठी कहने लगे चलो चलो परंतु में दूसरे पक्ष पर देख रही थी, क्योंकि यह लड़कियों का स्वाबलंबन था आजादी थी कि उनके जीवन जीने की कला थी यही तो था एम्स्टर्डम का अनोखा कल्चर यह उनकी संस्कृति यही उनकी विरासत है।
एम्स्टर्डम का एक अलग स्वरूप यह भी है, कि यहां कठिन सामाजिक नियम कानून बने हुए हैं, जैसा कि, एक स्थानीय नागरिक से बात करने पर पता चला यहां पर एक स्ट्रिक्ट यहां पर एक कठिन कर व्यवस्था है/ जिसके अंतर्गत सभी को अच्छी धनराशि टैक्स के रूप में देनी होती है, और उसके बाद सभी को हेल्थ कवरेज भी मिलता है,
और एक और स्वरूप यह भी था कि लोगों का भांग ,वेश्यावृत्ति ,कैसीनो के अलावा शहर का एक वो भी था रूप यह भी था कि जिन जिन लोगों के स्वस्थ और खुशहाल परिवार थे ,जिसमें सामाजिक परंपरा के मूल्यों का मान था, ऐसे ही तो सैकड़ों सालों से यह एक शहर “सहनशीलता “लोगों को देता है तभी तो यह मशहूर है और तभी तो लोग इसकी तरफ खींचे चले आते हैं।
Thankyou for helping out, superb information.